हाईकोर्ट : कानून के प्रासंगिक विचार को ध्यान में रखे बिना विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग अमान्य
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई प्राधिकरण जिसे किसी कानून के तहत विवेकाधीन शक्तियां प्रदान की गयी हैं। वह उस कानून के उद्देश्य के लिए प्रासंगिक विचारों को नजरअंदाज करता है या ध्यान में नहीं रखता है तो उसकी कार्यवाही अमान्य मानी जाएगी।
http://dlvr.it/SNFkPG
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